जिनका ना रूप है, ना रंग है,
ना आकार है, ना कोई ढंग है,
फिर भी सदा संग हैं,
वो है यादें!!
हाय यादें!!
ये यादें,
चुपके से दिल में बस जाती हैं,
तन्हाई में सदा साथ निभाती हैं,
कभी मुस्कान तो कभी अश्क दे जाती हैं,
वो है यादें!!
हाय यादें!!
कभी पुष्पों सी मह्कतीं हैं,
कभी काँटों सी चुभती हैं,
किसी चेहरे, अनुभव की छाप छोड़ जाती हैं,
कभी सुकून तो कभी टेंशन दे जाती हैं,
वो है यादें!!
हाय यादें!!
ये यादें हमेशा याद आती हैं,
चारों और एक नया जग रच जाती हैं,
किसी 'राज' की दुनिया को सदा महकाती हैं,
वो हैं यादें!!
हाय यादें!!
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